सत्यदर्पण:-

सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए। जो उनके राज में न हो सका पूरा, मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले। विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है, देश को लूटा जा रहा है। दिन के प्रकाश में सबके सामने आता सफेद झूठ; और अंधकार में लुप्त सच।

भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | संस्कृति में ही हमारे प्राण है | भारतीय संस्कृति की रक्षा हमारा दायित्व | -तिलक 7531949051, 09911111611, 9999777358.

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शनिवार, 16 जुलाई 2016

पराजित विजय माल्या

पराजित विजय माल्या 

अदालत ने माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कियाकिंगफिशर विमानसेवा जिसके पंख कभी दूसरों को ले आकाश में उड़ने की क्षमता रखने वाली अब बंद हो चुकी किंगफिशर विमानसेवा के आधार स्तम्भ विजय माल्या के लिए अपना आधार कठिन हो गया है। भुगतान असफलता मामले में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (भाविप्रा) द्वारा अंकित वाद उपनगर अंधेरी की महानगर न्यायपालिका ने माल्या के विरुद्ध जब गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया गया है। इस मामले में 7 मई को दंडाधिकारी एएस लाऔलकर ने माल्या को आज के दिन न्याया में उपस्थित होने का निर्देश दिया था और आदेश का पालन नहीं करने पर गैर-जमानती वारंट जारी करने की स्पष्ट चेतावनी भी दी थी। किन्तु माल्या न्याया में उपस्थित नहीं हुए। 
इससे यह तो स्पष्ट समझ में आती है कि आकाश की ऊँची उड़ान में रहने के आदी तथा मध्य के व्यवसाय का नशा और इन सब को सहयोगी सत्ता के समय चलाते हुए जिस मानसिकता और अहं का निर्माण हुआ उसने किंगफिशर विमानसेवा के विजय माल्या कानून और न्यायालय का कोई सम्मान या भय नहीं रहा तथा उसकी अवमानना करने का दुस्साहस उपजा। किन्तु संभवत वो भूल गए हैं कि अब उन्हें सरकारी पोषण संरक्षण नहीं अपितु छूट भी एक सामान्य सीमा तक ही मिलेगी। उसका पालन नहीं करने या अवमानना करना अब उन्हें भारी पड़ेगा। 
हुआ यह कि न्याया भाविप्रा द्वारा किंगफिशर विमानसेवा के विरुद्ध अंकित कुल 100 करोड़ रुपए के दो चेक अवैध होने के मामले की सुनवाई कर रही थी। भाविप्रा ने दो मामले अंकित करवाए हैं जिसमें माल्या को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की जो स्थायी छूट न्याया से मिली है उसे रद्द करने की मांग की गई है। विमानसेवा के बैंकों से लिए ऋण के 9,000 करोड रुपये चुकाने में असफल रहने की सूचना जब फैली तो तभी माल्या ने देश छोड़ दिया था। भाविप्रा ने माल्या के विरुद्ध बन्दी आदेश जारी करने की भी मांग की है। 
इससे पूर्व भाविप्रा की ओर से न्याया में उपस्थित वकील ने कहा था कि माल्या का पासपोर्ट रद्द होने को देखते हुए लगता नहीं है कि न्याया के आदेश के बाद भी उनका वकील अपने मुवक्किल को न्याया में उपस्थित कर पाएगा। इस कारण अब न्यायलय ने उनकी उस मांग को स्वीकार कर लिया है। 
अब अपराधियों के अच्छे दिन समाप्त हो गए तभी तो उनके कुछ पोषक कहने लगे है कहाँ हैं अच्छे दिन। 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण | भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक

मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

दो शपथपत्र, दोहरा चरित्र, पूरा पूरा प्रमाण

दो शपथपत्र, दोहरा चरित्र, पूरा पूरा प्रमाण 
Fake Encounter, or Fake Affidavit, of Fake HM 
न दि, 19 अप्रैल (तिलक)। इशरत जहां मामले में तत्कालीन गृह मंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका को लेकर हुए नए रहस्योद्घाटन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर कांग्रेस को लक्ष्य पर लिया है। गुजरात का मुख्य मंत्री रहते नरेंद्र मोदी की हत्या किये जाने के प्रयासों को रोकना, जिन्हे झूठी-मुठभेड़ लगता है; ऐसे कांग्रेस नेताओं पर भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी को फंसाने के लिए आतंकवादियों की सहायता करने का आरोप लगाते हुए देश से क्षमा मांगने को कहा है। 
चिदंबरम को इशरत जहां के लश्कर से संबंधो का पता था शपथपत्र 1, जिसे बदल कर देश की सुरक्षा से खिलवाड किया गया। और ये स्वयं तत्कालीन गृह मंत्री ने किया हो... !!! मात्र पी.चिदंबरम को नहीं बल्कि पूरे संप्रग सरकार को इस अपराध की स्वीकारोक्ति करनी चाहिए। इस मामले में जिस प्रकार से तथ्य सामने आ रहे हैं इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी के पापों का घड़ा फूट चुका है। पहली बार देखा गया है कि पूर्व गृह मंत्री अपराधियों की सहायता कर रहे हैं। इस मामलों में हुए नए रहस्योद्घाटन ने कांग्रेस की छवि दूषित कर दी है। कांग्रेस को पूरे देश से क्षमा मांगनी चाहिए। 
इतना ही नहीं ज पा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने तो इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताते हुए पी. चिदंबरम को रासुका के अंतर्गत बंदी तक बनाने को कह दिया। 
जानकारी हो कि इशरत जहां के मामले में ताजा प्रपत्रों के बाद साफ हो गया है कि इशरत जहां को आतंकी बताने वाले प्रथम शपथपत्र को तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने स्वीकृति दी थी और एक माह बाद ही दूसरे शपथपत्र में उसे निर्दोष बताया था। जबकि सार्वजनिक रूप से चिदंबरम पहले शपथपत्र के पीछे निचले स्तर के अधिकारियों का हाथ बताते रहे हैं। 
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है - दूसरा शपथपत्र लगते समय इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया, जिससे प्रथम शपथ पत्र को झुठला कर नया शपथ पत्र लगने की आवश्यकता पड़ी हो। न ही कभी किसी मंच पर उन कारणों को बताया गया। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि दोहरे शपथपत्र का उल्लेख करने पर भय था कि चोर की दाड़ी का तिनका शूल बन जाता। दो शपथपत्र, दोहरा चरित्र, पूरा पूरा प्रमाण Times Now पर देखिये भाजपा रा सचिव श्रीकांत शर्मा 
https://www.youtube.com/watch?v=DSs84dvnicg&index=237&list=PLDB2CD0863341092A 
अधिक विवरण हेतु index=235, index=236 भी देखें। Times Now की उपसमाचार सम्पा ने सूकाअधि     से अर्जित जानकारी अपनी कड़छी से परोसी। साभार वही प्रसाद हम आपको बाँट रहे हैं। आप आगे बाँटते रहे, सत्य बढ़ता रहे। फिर किसी मानवतावादी वेश में आतंकवाद का समर्थन न किया जा सके। 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक 

बुधवार, 27 जनवरी 2016

ये है मनोहर लाल जी का मनोहारी हरियाणा।

ये है मनोहर लाल जी का मनोहारी हरियाणा। 
Image result for manohar lal khattar in hindiहोटल के खाने का ऐसा बिल जिसे पढकर, आपके भी आंखों से भावुक आंसू आयेंगे.!
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हरयाणा के एक होटेल में घटी सत्य घटना है ...!!
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रात का समय था, होटल की मेज रखा पर 
अपना खाना, एक समान्य वयस्क श्रमिक बैठा खा रहा था ..! तभी उसकी दृष्टी होटल के बाहर कडी ठण्ड में खडे छोटे से भाई बहन की जोडी पर गई ...!!
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जो दोनों बच्चों का दुखी चेहरा, 
खाने की थाली पर कातर दृष्टी से देखते बच्चे, यह बात उस व्यक्ति के ध्यान में क्षण भर में आ गयी ...!! 
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आँखों से संकेत करते दोनों बच्चों को अंदर बुलाया, बच्चे संकोच से डरते डरते ही अंदर आये,
उस समान्य श्रमिक ने दोनों बच्चों के लिए खाने की दो थाली मंगाई .....
नन्हे बच्चें, अपने नन्हे से हाथों में जो बैठ रहा था, वो फटाफट खा रहे थे ......
नन्हे बच्चों के पेट में भूख की आग बुझ रही थी ...
खाना खाने के पश्चात् उस आदमी ने बिल मंगवाया .....!!
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काउंटर पर से बिल आया, आँकड़ा देखकर वो व्यक्ति स्तब्ध, निशब्द रह गया ..!!
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जानते है, बिल कितना था ?
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उस बिल पर लिखा था "हमारे पास ऐसी कोई मशीन या फिर आँकडा नहीं, जिससे मानवता का मुल्य गिना जा सके, भगवान आपका भला करे "
...ये है मनोहर लाल जी का आज का 
मनोहारी हरियाणा, प्रेरक, मनोहारी हरियाणा। 
🏻 🏻मानवता को प्रणाम, "कहो कैसी रही" 
जब देश का नकारात्मक भांड मीडिया जो असामाजिक तत्वों का महिमामंडन करे, 
उसका सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प, प्रेरक राष्ट्र नायको का यशगान 
-युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 
भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो | मानवतावादी वेश में आया शर्मनिरपेक्ष रावण |
भारतीय संस्कृति में ही हमारे प्राण है | संस्कृति की रक्षा करना हमारा दायित्व || -तिलक
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